New Delhi: आज सुबह दिल्ली के अनाज मंडी के पास एक फ़ैक्टरी में आग लगने से 43 लोगों की मौत हो गई. कई लोग अब भी अस्पताल में भर्ती हैं. Fire brigade की 25 गाड़ियों ने मौके पर पहुंच पर आग पर काबू पाया और सर्च ऑपरेशन भी खत्म हो गया है.
ये आग एक-दूसरे से जुड़ी 3 इमारतों की चौथी और पांचवी मंजिल में लगी थी. फ़ैक्टरी के मालिक का नाम रेहान है जो सदर बाज़ार इलाके में रहता है. उसे गिरफ़्तार करने के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है. फिलहाल पुलिस ने फ़ैक्टरी के मालिक के भाई को हिरासत में लिया है. वहीं NDRF की टीम भी मौक़े पर जांच पड़ताल की है. 600 गज़ में बनी इस इमारत की चारो मंज़िलों पर कपड़े का बैग, प्लास्टिक का काम और बाइंडिंग का काम होता है. घटनास्थल पर पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हादसे पर खेद जताते हुए कहा कि इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं. साथ ही उन्होंने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख मुआवज़ा और घायलों के 1-1 लाख मदद और मुफ़्त इलाज देने का ऐलान किया. वहीं बीजेपी ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और घायलों को 25-25 हज़ार रुपये मदद देने का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से भी मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और गंभीर घायलों को 50-50 हजार रुपये मदद का ऐलान किया है.
वहीं दिल्ली फायर सर्विस (DSF) के चीफ अतुल गर्ग ने कहा कि, ''बिल्डिंग को डीएसएफ की ओर से फायर क्लीयरेंस नहीं दिया गया था''. उन्होंने आगे कहा, ''इमारत में आग से बचाव के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले किसी भी तरह के उपकरण नहीं मिले हैं''. अतुल गर्ग ने अनाज मंडी के पास हुई इस घटना को लेकर एएनआई को यह बयान दिया है. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, 'अगर कोई फैक्ट्री किसी घर में अवैध रूप से चल रही थी, तो उसे बंद करने की जिम्मेदारी दिल्ली नगर निगम की थी. एमसीडी ने फैक्ट्री को कैसे चलने दिया?
Suraj Dan
The Globe Journalist
1 April 2022
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